Sunday, December 23, 2007

निनिया रानी आयी है




रोते रोते... हंसना सीखो...

Thursday, December 20, 2007

तीन तस्‍वीरें





चंद तस्‍वीरें और


तिरछी नज़र है...






कलम नहीं, कीबोर्ड



प्‍यारी मां



बुलबुल पीसी का दुलार



अमय भैया की गोद